आज फिर उठो, चलो, बढ़ो,
आज फिर एक नई शुरुआत करो।
आज फिर उठो, चलो, बढ़ो,
आज फिर बेहतर कल की बात करो।।
शुरुआत डरी सहमी सी है तो क्या हुआ,
मंजिल दूर दिखती है तो क्या हुआ,
तू कर सकता है ये होंसला रख,
अपनी काबलियत पर कर न तू कोई शक।।
आज फिर उठो, चलो, बढ़ो,
आज फिर किसी के लिए एक मिसाल बनो।।
आज फिर उठो, चलो, बढ़ो,
आज फिर दुनिया का सहारा बनो।
ये सफर नहीं है आसान,
देना होगा हर कदम पर तुझे एक नया इम्तिहान।
कुछ तू सीख, और कुछ तू सिखाता जा,
अपनी कामयाबियों का जश्न मनाता जा।।
आज फिर उठो, चलो, बढ़ो,
आज फिर बुराई से लड़ो।
आज फिर उठो, चलो, बढ़ो,
आज फिर एक नई चुनौती का सामना करो।।
एक ऐसा वक्त भी आएगा,
तू दूसरों को जब राह दिखाएगा।
तू करना कुछ ऐसा कमाल,
जो बन जाए सबके लिए एक मिसाल।।
आज फिर उठो, चलो, बढ़ो,
आज फिर एक नया इतिहास रचो।।
–आशना वर्मा